मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा ने बनाई रणनीति, जनाधर बढ़ाने में लगे नेता
Thursday - October 11, 2018 4:23 pm ,
Category : WTN HINDI

परम्परागत वोट बैंक के साथ-साथ किसानों को रिझाने की कोशिश में बसपा
OCT 11 (WTN) – मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में क़रीब 6 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ 4 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बसपा इस बार प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की बात कह रही है। बसपा ने अपने प्रभाव वाले क्षेत्र बुंदेलखण्ड, विंध्य और ग्वालियर-चम्बल के साथ-साथ महाकौशल और मालवा में भी जनाधार बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है।
बसपा अपने वोट बैंक पर तो ध्यान केन्द्रित कर ही रही है, साथ ही किसानों को भी वो इस बार रिझाने के मूड में है। बसपा का कहना है कि वो काम पर विश्वास करती है घोषणा पत्र पर नहीं। बसपा का कहना है कि यदि वो सत्ता में आई तो किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और जंगल और भूमि से दबंगों का कब्जा खत्म होगा।
बसपा का कहना है कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उनके 4 विधायक जीते थे और 11 सीटों पर बसपा दूसरे और 18 सीटों पर तीसरे नम्बर पर रही थी। बसपा के प्रदेश स्तर के नेताओं का मानना है कि वे इस बार पूरी मेहनत कर रहे हैं और उनकी पूरी कोशिश है कि ये सीटें वे जीतेंगे। बसपा नेताओं का कहना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भले ही उन्हें बहुमत ना मिले, लेकिन राज्य में सरकार उनकी सहायता के बिना नहीं बन पाएगी।
OCT 11 (WTN) – मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में क़रीब 6 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ 4 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बसपा इस बार प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की बात कह रही है। बसपा ने अपने प्रभाव वाले क्षेत्र बुंदेलखण्ड, विंध्य और ग्वालियर-चम्बल के साथ-साथ महाकौशल और मालवा में भी जनाधार बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है।
बसपा अपने वोट बैंक पर तो ध्यान केन्द्रित कर ही रही है, साथ ही किसानों को भी वो इस बार रिझाने के मूड में है। बसपा का कहना है कि वो काम पर विश्वास करती है घोषणा पत्र पर नहीं। बसपा का कहना है कि यदि वो सत्ता में आई तो किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और जंगल और भूमि से दबंगों का कब्जा खत्म होगा।
बसपा का कहना है कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उनके 4 विधायक जीते थे और 11 सीटों पर बसपा दूसरे और 18 सीटों पर तीसरे नम्बर पर रही थी। बसपा के प्रदेश स्तर के नेताओं का मानना है कि वे इस बार पूरी मेहनत कर रहे हैं और उनकी पूरी कोशिश है कि ये सीटें वे जीतेंगे। बसपा नेताओं का कहना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भले ही उन्हें बहुमत ना मिले, लेकिन राज्य में सरकार उनकी सहायता के बिना नहीं बन पाएगी।