जानिए COVID-19 संक्रमण से बचने किस तरह के मास्क हैं उपयोगी?
दो से ज़्यादा लेयर वाले घर के बने कपड़े के मास्क हैं कारगर
MAY 26 (WTN) - जैसा कि आप जानते ही हैं कि अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19) की कोई भी दवा या वैक्सीन नहीं बन पाई है। चीन के वुहान शहर से उपजी और फैली कोरोना वायरस संक्रमण की बीमारी इस लेख को लिखे जाने तक अभी तक क़रीब 3,48,319 लोगों की जान ले चुकी है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक COVID-19 की वैक्सीन और दवा बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
अब जबकि अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण की कोई भी दवा या वैक्सीन नहीं बन पाई है, तो ऐसे में इससे बचने के उपाय करना ही इस समय की सबसे बड़ी ज़रुरत और समझदारी है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए एक अच्छा मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है। वैसे तो बाज़ार में कई तरह के मास्क उपलब्ध हैं। वहीं, काफी तादात में लोग घर पर बने मास्क का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार अपील कर रही है कि लोग घर के कपड़ों से दोबारा उपयोग किए जा सकने वाले मास्क पहनें। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि सभी कपड़े एक ही तरह की सुरक्षा नहीं देते हैं। इसी कड़ी में एक शोध में कपास, रेशम, शिफॉन और इनसे मिले जुले कपड़ों से बने मास्क की उपयुक्तता पर एक शोध किया गया था।
बता दें कि इस शोध में एक बात निकल कर सामने आई है। जिसके मुताबिक, एक परत वाले मास्क की तुलना में ज्यादा परतों वाले मास्क बहुत ज्यादा प्रभावी होता है। लेकिन इस तरह से बने मास्क तब और भी ज़्यादा प्रभावी होते हैं, जब ये परतें अलग-अलग कपड़ों की हों।
शोध के अनुसार यदि मास्क कपास और शिफॉन से मिलकर बना है, तो इस तरह से बना मास्क 300 नैनोमीटर से कम के कणों को अच्छी तरह से रोकने में 97 प्रतिशत तक सफल रह सकता है। बता दें कि इनमें SARS-CoV-2 के कण भी शामिल हैं। वहीं, कॉटन क्विल्ट सामग्री से बने मास्क 96 प्रतिशत तक सुरक्षा दे सकते हैं। रिसर्च करने वालों के अनुसार, 2 से ज़्यादा अलग-अलग कपड़ों से बने मास्क ज़्यादा कारगर साबित हो सकते हैं यदि उन्हें सही तरीके और रोज़ धोकर पहना जाए।