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यदि गाड़ी के सफ़र को करना है सुरक्षित तो टायरों में भरिये नाइट्रोजन गैस!

Tuesday - July 9, 2019 10:36 am , Category : WTN HINDI
टायरों में साधारण हवा की तुलना में फ़ायदेमंद है नाइट्रोजन गैस
टायरों में साधारण हवा की तुलना में फ़ायदेमंद है नाइट्रोजन गैस

बढ़ते सड़क हादसों से चिंतित मोदी सरकार टायरों में नाइट्रोजन गैस भरना कर सकती है अनिवार्य
 
JULY 09 (WTN) – सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामले में भारत की स्थिति काफ़ी चिंताजनक है। दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज़्यादा मौतें भारत में ही होती हैं। वैसे तो सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण हैं, जिनके कारण लोगों की जान चल जाती है, लेकिन गाड़ियों के टायर फटने से होने वाली दुर्घटना के कई केस इन दिनों सामने आ रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि गाड़ी के टायर रबर के बने होते हैं इसलिए गर्म होने पर ये फट जाते हैं, जिसके कारण गाड़ियां अनियंत्रित हो जाती हैं और दुर्घटना हो जाती है।

लेकिन मोदी सरकार टायर फटने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक योजना पर काम कर रही है। जानकारी के मुताबिक़, सरकार गाड़ी के टायरों में रबर के साथ सिलिकॉन मिलाना, और टायरों में नाइट्रोजन गैस भरना अनिवार्य कर सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टायरों में नाइट्रोजन गैस भरने से टायर अपेक्षाकृत ठण्डे रहते हैं, और ठण्डा रहने से उनके फटने की आशंका कम हो जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मापदण्डों के मुताबिक़, टायरों में रबर के साथ सिलिकॉन मिलाने और साधारण हवा की जगह पर नाइट्रोजन गैस भरने से टायरों के फटने की दुर्घटनाएं काफ़ी कम होती हैं।

जानकारों के मुताबिक़ गर्मियों के समय नाइट्रोजन गैस टायरों को ठण्डा रखती है। नाइट्रोजन गैस टायर में रबर के कारण कम बढ़ पाती है, इसी कारण से टायर में प्रेशर बराबर बना रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फॉर्मूला वन रेसिंग करने वाली कारों के टायर्स में नाइट्रोजन गैस ही भरी जाती है, इसी कारण से गर्मी में और तेज़ स्पीड में होने के बाद भी उनके टायर्स नहीं फटते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गाड़ी के टायरों में साधारण हवा भरने से आर्द्रता की समस्या खड़ी होती है। यही आर्द्रता गाड़ी के टायर को काफ़ी नुकसान पहुंचाती है। साधारण हवा भरने से टायरों के प्रेशर पर भी असर पड़ता है। वहीं जब साधारण हवा की जगह पर टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है तो इसके इस्तेमाल से टायर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगती है। टायर में नाइट्रोजन गैस भरने से टायर में मौजूद ऑक्सीजन के साथ-साथ पानी की मात्रा को भी नाइट्रोजन ख़त्म कर देती है। इसका फ़ायदा यह होता है कि इससे टायर के रिम को नुकसान नहीं पहुंचता है।

साधारण हवा की जगह पर टायरों में नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से टायरों की लाइफ़ बढ़ जाती है। ऑटो फील्ड के जानकारों का कहना है कि टायरों में नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से गाड़ी का माइलेज भी बेहतर हो जाता है। वहीं टायरों में साधारण हवा की तुलना में नाइट्रोजन गैस ज़्यादा लम्बे समय तक टिकती है।

वैसे सरकार की पहल सही दिशा में है कि गाड़ियों के टायर फटने से होने वाली दुर्घटनाओं को कम से कम करने के लिए टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जानी चाहिए। लेकिन साधारण हवा की तुलना में टायरों में नाइट्रोजन गैस भरना क़रीब 15 गुना महंगा होगा। लेकिन पैसों की क़ीमत इंसान की जान से ज़्यादा नहीं है। इसलिए हमारी आपको सलाह है कि अपने गाड़ी के टायर्स में नाइट्रोजन गैस ही भरवाएं और सुरक्षित सफ़र करें।