सावधान! कहीं आपके तो नहीं हैं कई सारे बैंक अकाउंट्स?
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आयकर विभाग की नज़र है आपके कई सारे बैंक अकाउंट्स पर...
SEP 01 (WTN) - यह तो स्वाभाविक है कि आप बैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल तो करते ही होंगे। वहीं, जब आप बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं, तो हो सकता है कि आपके कई बैंकों में अकाउंट होंगे। लेकिन, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि आपने बिना किसी कारण के कई बैंकों में अकाउंट खोलकर रखे हैं, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि आयकर विभाग समझता है कि यदि किसी व्यक्ति के कई सारे बैंक अकाउंट हैं, तो सम्बन्धित व्यक्ति ने इतने सारे बैंक अकाउंट काले धन को सफेद बनाने के लिए खोल रखे हैं। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में अभी तक ऐसा कोई भी क़ानून नहीं बना है जो किसी भी व्यक्ति को एक से ज़्यादा बैंकों में खाता खोलने से रोके।
लेकिन, जहां तक आयकर विभाग की बात है, तो बैंक अकाउंट के मामलों में आयकर विभाग की अलग ही सोच है। दरअसल, आयकर विभाग का ऐसा विचार हो सकता है कि यदि किसी ने बिना किसी कारण के कई बैंकों में अकाउंट खोले हैं, तो इस तरह के अकाउंट कहीं डमी अकाउंट तो नहीं हैं। वहीं, अकाउंट होल्डर किसी शेल या फर्जी कम्पनी से तो नहीं जुड़ा है, और इन अकाउंट्स से ब्लैक मनी को व्हाइट बनाने में तो मदद नहीं मिल रही है?
इधर, टैक्स और बैंकिंग सेक्टर के जानकारों का मानना है कि अगर किसी भी व्यक्ति के कई सारे बैंक अकाउंट हैं, और वह व्यक्ति उन अकाउंट्स का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, तो उसे उन अकाउंट्स को बंद करवा देना चहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कई सारे बैंक अकाउंट होने पर आयकर विभाग, सम्बन्धित व्यक्ति को नोटिस भेजकर सभी अकाउंट्स की जानकारी मांग सकता है।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक पैन नंबर पर कितने बैंक खाते खुले हुए हैं, इसकी जानकारी कंप्यूटर के ज़रिए आयकर विभाग को तुरन्त ही मिल जाती है। वहीं, बैंकों से सम्बन्धित जानकारियां नियमित रूप से आयकर विभाग को मिलती ही रहती है। वहीं, कौन व्यक्ति अपने अकाउंट में ज़्यादा मात्रा में रुपये जमा कर रहा है और निकाल रहा है इसकी जानकारी तो बैंक तुरंत ही आयकर विभाग को बता देते हैं।
इतना ही नहीं, यदि किसी व्यक्ति ने कई बैंक अकाउंट अलग-अलग शहरों में खुलवा रखे हैं, तो आयकर विभाग की नज़र में वो भी संदेह का पात्र है। दरअसल, जब बैंकों में सेंट्रलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम नहीं था, तब व्यापारी ऐसा अपनी सुविधा के लिए करते थे। लेकिन, अब सेंट्रलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम से तुरन्त ही पैसा ट्रांसफर हो जाता है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अलग-अलग शहर में बैंक अकाउंट खोलता है, तो आयकर विभाग इस पर शक़ कर सकता है और सम्बन्धित व्यक्ति को नोटिस भेजकर उससे जानकारी हासिल कर सकता है। साफ है कि यदि आपके कई सारे बैंक अकाउंट हैं, तो इन परिस्थितियों में आप आयकर विभाग के रडार पर आ सकते हैं।