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जानिए कितने ख़तरनाक हैं COVID-19 के बिना लक्षण वाले मरीज़?

Wednesday - September 2, 2020 12:19 pm , Category : WTN HINDI
दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं COVID-19 के मामले
दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं COVID-19 के मामले

रिसर्च का दावा: बिना लक्षण वाले COVID-19 मरीज़ों में होता है ज़्यादा वायरस लोड

 

SEP 02 (WTN) - जैसा कि आप जानते ही हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी दिनों-दिन फैलती ही जा रही है, और अभी तक कोरोना वायरस की कोई भी ऐसी प्रामाणिक वैक्सीन नहीं बन पाई है जो कि क्लीनिकल ट्रायल के सभी चरणों को पूरा कर चुकी है। कोरोना वायरस की भयावहता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस लेख को लिखे जाने तक, कोरोना वायरस से अभी तक पूरी दुनिया में क़रीब 8,61,286 लोगों की मौत हो चुकी है।

ख़ैर, इधर कोरोना वायरस की वैक्सीन पर तो लगातार काम चल ही रहा है। दरअसल, कोरोना वायरस के बार-बार रूप बदलने और यानि उसके म्यूटेशन से COVID-19 की वैक्सीन बनाने में वैज्ञानिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, वैज्ञानिक लगातार इस बात पर भी रिसर्च कर रहे हैं कि कोरोना वायरस किस तरह से और कितना मानव शरीर को प्रभावित करता है। 

ख़ैर, आपने कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19) के बिना लक्षण वाले मरीज़ों के बारे में तो सुना ही होगा। दरअसल, कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीज़, डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों के सामने काफी बड़ी चुनौती है। इस सबके बीच, भारतीय वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के बिना लक्षण वाले मरीज़ों में कोरोना वायरस की मात्रा ज़्यादा होती है।

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय वैज्ञानिकों ने COVID-19 के बिना लक्षण वाले मरीज़ों और उनसे संक्रमित होने वाले किसी व्यक्ति के शरीर में वायरस की मात्रा के बीच एक कड़ी होने का पता लगाया है। दरअसल, हैदराबाद में CDFD (The Centre for DNA Fingerprinting and Diagnostics) के वैज्ञानिकों ने बिना लक्षण वाले COVID-19 के मरीज़ों के प्राथमिक और द्वितीय स्तर के सम्पर्कों का पता लगाकर उनकी जांच कराने, और फिर उन पर निगरानी रखने की सलाह दी है।

 

ऐसा इसलिए, क्योंकि CDFD की लैबोरेटरी ऑफ़ मॉलिक्यूलर ओंकोलॉजी के वैज्ञानिक मुरली धरण बश्याम के अनुसार, "बिना लक्षण वाले COVID-19 के मरीज़ों से कोरोना वायरस संक्रमण यदि ऐसे लोगों में फैलता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, तो ऐसे लोगों की मरने की आशंका ज़्यादा होती है क्योंकि बिना लक्षण वाले COVID-19 के मरीज़ों में कोरोना वायरस की मात्रा तुलनात्मक रूप से ज़्यादा होती है।"


इस रिसर्च के अनुसार, लक्षण वाले COVID-19 के मरीज़ों की तुलना में बिना लक्षण वाले COVID-19 के मरीज़ों में वायरस लोड ज़्यादा होता है, और ऐसे लोग अपने संपर्क में आए लोगों को ज़्यादा संक्रमित कर सकते हैं। ख़ैर, अब जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और अभी तक इसकी कोई भी वैक्सीन भारत में उपलब्ध नहीं है, तो समय की ज़रूरत है कि आप ख़ुद का पूरा ध्यान रखें।

 

वहीं, घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इतना ही नहीं, डॉक्टर की सलाह से योग, प्रणायाम और आयुर्वेद के ज़रिए ख़ुद की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। साथ ही, विटामिन-डी की शरीर में आपूर्ति के लिए कम से कम 20 मिनिट तक सूर्य की रोशनी के प्रत्यक्ष सम्पर्क में रहें।