हिन्द महासागर में भारत को घेरने के लिए चीन ने बनाई 'रणनीति'
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पेंटागन का दावा: भारत के चारों तरफ सैन्य अड्डे बनाने की चीन की प्लानिंग
SEP 03 (WTN) - चीन और भारत के बीच LAC (Line of Actual Control) पर सीमा विवाद लगातार जारी है। वहीं, चीन की ताइवान के साथ भी तनातनी रुकने का नाम नहीं ले रही है। इतना ही नहीं, दक्षिण चीन सागर में स्थित कई देशों के साथ भी चीन का झगड़ा होता ही रहता है। लेकिन, इस सबके बीच, चीन लगातार अपनी सैन्य ताक़त को बढ़ाता जा रहा है क्योंकि चीन जानता है कि युद्ध होने पर उसे एक साथ कई मोर्चों पर कई शक्तियों से लड़ना पड़ सकता है: इसलिए, चीन ने देखते ही देखते अपनी नौसेना को दुनिया की सबसे बड़ी नौ सैना बना लिया है।
दरअसल, चीन की यह बड़ी हुई नौसैनिक ताक़त भारत के साथ-साथ अमेरिका के लिए भी ख़तरे का संकेत है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन, भारत को चारों ओर से घेरने की पूरी तैयारी कर रहा: इसलिए, चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार में अपने नौसैनिक अड्डे बनाना चाहता है। इतना ही नहीं, चीन, इंडो-पैसिफिक रीजन में भी अपने नौसैनिक अड्डे बनाकर भारत को घेरने की तैयारी में है।
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की वार्षिक रिपोर्ट, मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना-2020 के अनुसार, भारत के चारों तरफ उपस्थित क़रीब एक दर्जन से ज़्यादा देशों में चीन अपने सैन्य अड्डे बनाने की तैयारी कर रहा है। चीन, एशिया में थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, तजाकिस्तान और सेशल्स में अपने सैनिक अड्डे बनाने की प्लानिंग कर रहा है। वहीं, चीन, अफ्रीका में केन्या, तंजानिया और अंगोला में अपने सैन्य अड्डे बनाने के लिए प्लानिंग पर काम कर रहा है। स्वाभाविक है कि यह सभी देश, भारत को हिन्द महासागर में घेरने के लिए चीन के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं।
लेकिन, चीन अपनी नौसेना को सिर्फ़ भारत को घेरने के लिए ही शक्तिशाली नहीं बना रहा है। दरअसल, चीन, अमेरिका की दक्षिण चीन सागर में दखलंदाज़ी को भी रोकना चाहता है: इसलिए, चीन ने अपनी नौसेना को भारत के अलावा अमेरिका की चुनौतियों को देखते हुए शक्तिशाली बनाया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन के पास अभी 350 युद्धपोत, दो एयरक्राफ्ट कैरियर और पनडुब्बियां हैं। वहीं, भारतीय नौसेना की ताक़त इस समय तुलनात्मक रूप से चीन से काफी कम है।
इधर, अमेरिका के पास सिर्फ़ 293 युद्धपोत ही हैं। लेकिन, अमेरिकी युद्धपोत चीन से काफी ज़्यादा आधुनिक हैं। वहीं, अमेरिका के पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, और हर एक एयरक्राफ्ट कैरियर पर क़रीब 90 फाइटर जेट तैनात हो सकते हैं। साफ है कि अमेरिका की नौसैनिक शक्ति को देखते हुए ही चीन अपनी नौसेना की ताक़त बढ़ाता जा रहा है।
पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की नौसेना अपने सैन्य अड्डों के नेटवर्क की सहायता से अमेरिकी मिलिट्री अभियानों में हस्तक्षेप कर सकती है। दरअसल, चीन जानता है कि भारत, ताइवान और वियतनाम के साथ यदि उसका युद्ध होता है, तो अमेरिका इसमें अपनी दखलंदाज़ी करेगा, और इसी कारण से चीन, अमेरिका के ख़िलाफ़ पूरी दुनिया में अपनी स्थिति को पहले से ज़्यादा मजबूत करने में लगा हुआ है। इसी कारण से चीन ने अमेरिका को घेरने के लिए नामीबिया, वनुआतू और सोलोमन द्वीप पर अपने सैन्य अड्डा बनाने की क़वायद शुरू की है।
स्पष्ट है कि चीन अपनी नौसैनिक शक्ति बढ़ाकर भारत को चारों तरफ से घेरने की तैयारी में है। वहीं, चीन, अमेरिका को रोकने और घेरने की कोशिशों में लगा हुआ है। ख़ैर, अब यह तो सभी जानते ही हैं कि यदि चीन ने किसी देश पर सैन्य कार्रवाई करने की कोशिश की, तो अमेरिका शान्त नहीं बैठेगा, और यदि अमेरिका इस तरह की किसी भी लड़ाई में शिरकत करता है, तो तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।