ताइवान के पासपोर्ट से चीन 'ग़ायब'!

अपनी संप्रभुता की दिशा में ताइवान ने बढ़ाया बड़ा क़दम
SEP 07 (WTN) - चीन की वामपंथी सरकार के अपने पड़ोसी देशों के साथ कैसे रिश्ते हैं यह तो आप काफी अच्छी तरह से जानते ही हैं। लेकिन, जहां तक ताइवान के साथ चीन के रिश्तों की बात है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दोनों ही देशों के बीच इस समय तनाव चरम पर है और दोनों ही देश युद्ध के कगार पर खड़े हैं। वहीं, इस सबके बीच, ताइवान ने अपने पासपोर्ट का जो नया डिज़ाइन फाइनल किया है उससे एक बार फ़िर से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
दरअसल, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ताइवान ने अपने पासपोर्ट के नए डिज़ाइन से 'रिपब्लिक ऑफ़ चाइना' नाम हटा दिया है, और पासपोर्ट में बड़े अक्षरों में ताइवान लिखा है और ताइवान के राष्ट्रीय चिन्ह का भी इसमें इस्तेमाल किया गया है। हालांकि, पासपोर्ट के कवर पर चीनी भाषा का इस्तेमाल ज़रूर किया गया है। लेकिन, आपका यह जानना ज़रूरी है कि ताइवान ने ऐसा आख़िर क्यों किया?
ख़ैर, वैसे तो आप चीन और ताइवान के रिश्तों के बारे में तो जानते ही होंगे। दरअसल, चीन, ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है। लेकिन, चीन के दावे के उलट, ताइवान ख़ुद को ही असली चीन मानता है। वहीं, ताइवान का कहना है कि चीन में वामपंथी सरकार का कब्ज़ा है और असली चीन देश वही है। इसलिए, जहां चीन खुद को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना कहना है और यही उसके पासपोर्ट में भी लिखा है, तो वहीं ताइवान ख़ुद को रिपब्लिक ऑफ़ चाइना कहना है, और अभी तक ताइवान के पासपोर्ट में रिपब्लिक ऑफ़ चाइना ही लिखा रहता था।
लेकिन, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस संकट के दौरान जब ताइवान के लोग प्लेन से यात्रा कर रहे थे तब उनके पासपोर्ट पर 'रिपब्लिक ऑफ़ चाइना' लिखा होने के कारण कई देशों ने उन्हें चीनी नागरिक समझ लिया। अब चूंकि कोरोना संकट के दौरान कई देशों ने चीनी नागरिकों के उनके देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था, तो ऐसे में ताइवान के नागरिकों के पासपोर्ट पर 'रिपब्लिक ऑफ़ चाइना' लिखा होने के कारण उन्हें दूसरे देश के लोगों ने चीन का नागरिक समझ लिया और उनके देश में प्रवेश ही नहीं करने दिया।
लेकिन, जहां एक तरफ चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला। वहीं, दूसरी तरफ ताइवान ने काफी सफलतापूर्वक कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी पर काफी जल्दी ही नियंत्रण पा लिया। अब जबकि पासपोर्ट में चीन लिखा होने के कारण ताइवान के नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, तो इसके बाद ताइवान की सरकार ने जुलाई में विदेश मंत्रालय को पासपोर्ट बदलने के लिए कहा था, और यह स्पष्ट निर्देश भी दिए थे कि पासपोर्ट पर चीन की जगह पर ताइवान को प्राथमिकता मिलना चाहिए।
अब अगले साल यानि 2021 से ताइवान का नया पासपोर्ट जारी होगा। इतना ही नहीं, ताइवान की सरकार ने अपने ट्रांसपोर्ट मंत्रालय से कहा है कि वे उनके यहां की 'चीनी एयरलाइन्स' को भी 'ताइवानी एयरलाइन्स' करने की संभावना पर विचार करें। दरअसल, चीन और ताइवान के बीच संप्रभुता की जंग लगातार जारी है। वहीं, कोरोना संकट के समय जब अन्य देशों ने ताइवान के नागरिकों को चीन का नागरिक समझ लिया, तो ऐसे में कोरोना संकट के समय ताइवान ने ख़ुद को 'चीन' के नाम के साये से आज़ाद कर ख़ुद की संप्रभुता हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।