...तो क्या अब स्कूल के बच्चों की जासूसी कर रही है चीन की वामपंथी सरकार?
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चीन में स्कूली बच्चों की ख़त्म हुई आज़ादी!
SEP 08 (WTN) - जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते ही हैं कि चीन के नागरिकों को वहां की वामपंथी सरकार ने अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं दे रखी है। इतना ही नहीं, किसी भी तरह के विरोध से चीन की वामपंथी सरकार इतना डरती है कि वहां की सरकार अपने नागरिकों की हर गतिविधि पर नज़र रखती है कि वे क्या कर रहे हैं और क्या नहीं कर रहे हैं?
जी हां, एक तरह से चीन में पूरी तरह से सेन्सरशिप लागू है। और यह सेन्सरशिप इतनी तगड़ी है कि चीन के नागरिक अन्य देशों के नागरिकों से किसी भी तरह से सम्पर्क में नहीं हैं। दरअसल, चीन की वामपंथी सरकार ने चीन में गूगल, फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप्प समेत अन्य विदेशी सर्च इंजन्स और ऐप्स को चीन में प्रतिबंधित कर रखा है, जिससे चीन के नागरिक अन्य देशों के नागरिकों के सम्पर्क में ना आ सकें। अब जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि चीन की वामपंथी सरकार अपने नागरिकों की गतिविधियों की जानकारी रखती है। लेकिन, अब इसी कड़ी में चीन की वामपंथी सरकार स्कूल के बच्चों पर भी 'नज़र' रखने जा रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन में स्कूली बच्चों के लिए एक 'इंटेलिजेंट यूनिफॉर्म' तैयार की गई है। जानकारी के अनुसार, स्कूल के बच्चों की इस यूनिफार्म में दो तरह की चिप लगी होंगी। इन दो चिप में से एक चिप, GPS ट्रैकर का काम करेगी। वहीं, दूसरी चिप, फेशियल रिकॉग्निशन करेगी यानि चेहरे की पहचान करेगी। और इन्ही चिप के ज़रिए बच्चों की हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सकेगी। इतना ही नहीं, चिप लगी इस यूनिफॉर्म से यह भी ट्रैक किया जा सकेगा कि बच्चे ने होमवर्क किया या नहीं?
बता दें कि इस स्कूल यूनिफॉर्म के दोनों कंधों पर दो चिप लगी रहेंगी, जो कि न ही धोने से ख़राब होगी और ना ही ज़्यादा तापमान से। चिप लगी इस यूनिफॉर्म को पहनकर जैसे ही बच्चा स्कूल में पहुंचेगा, चिप मॉनिटर्स के ज़रिए बच्चे के स्कूल आने का दिन और समय रिकॉर्ड हो जाएगा। वहीं, एक मोबाइल ऐप के ज़रिए बच्चों के पेरेंट्स को एक छोटा वीडियो भेज दिया जाएगा कि उनका बच्चा स्कूल या गया है। इतना ही नहीं, यदि बच्चा, क्लास में सोता है, तो यूनिफॉर्म में लगी चिप, फेशियल रिकॉग्निशन की मदद से तुरंत ही अलार्म बजा देगी।
वहीं, यदि अगर बच्चे, यूनिफॉर्म को आपस में बदलना चाहेंगे, तो वो ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि यूनिफॉर्म में लगी फेशियल रिकॉग्निशन चिप यह तुरंत ही बता देगी कि यह यूनिफॉर्म किसी दूसरे बच्चे ने पहन रखी है। यानि, यदि कोई स्कूली बच्चा अपनी यूनिफॉर्म को दूसरे बच्चे को पहनाकर उसे स्कूल भेजना चाहे, तो वो ऐसा करेगा तो यूनिफॉर्म की चिप में लगी फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक से इसकी सूचना सर्वर को मिल जाएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल इस यूनिफॉर्म को चीन के गुझाऊ प्रांत के कई स्कूलों में लागू किया गया है। चिप लगी इस तरह की स्कूल यूनिफॉर्म के पीछे चीन के प्रशासन का तर्क है कि यूनिफॉर्म में लगी चिप से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि बच्चे नियमित तौर पर स्कूल आएं। वहीं, इससे यह भी ट्रैक किया जाएगा कि बच्चे, स्कूल आने के बहाने कहीं और नहीं चले जाएं। और, यदि बच्चे ऐसा करते हैं, तो चिप की सहायता से यह ट्रैक किया जा सकेगा कि वे कहां पर हैं?
चिप लगी इस स्मार्ट यूनिफॉर्म के लिए यह तर्क दिया जा रहा है कि स्कूल आने वाले बच्चे पूरी ईमानदारी के साथ स्कूल आएं और उनका मन पूरी तरह से पढ़ाई में लग सके; इसलिए, इस तरह की स्कूल यूनिफॉर्म तैयार की गई है। लेकिन, कई लोगों का आरोप है कि स्मार्ट यूनिफॉर्म के ज़रिए चीन की वामपंथी सरकार, बच्चों की जासूसी ही कर रही है, और एक तरह से यह बच्चों की निजी ज़िन्दगी से खिलवाड़ है।
इतना ही नहीं, लोगों का आरोप तो यह भी है कि स्कूल यूनिफॉर्म में चिप लगाकर बच्चों पर निगरानी करना बच्चों की निजता का हनन है। लेकिन, चीन की वामपंथी सरकार को जो करना है वो वही करती है, और किसी भी तरह का विरोध उसे पसंद नहीं है। साफ है कि बच्चों की यूनिफॉर्म में चिप लगाकर चीन की वामपंथी सरकार बच्चों की मासूमियत पर निगरानी रख कर उन्हें एक तरह से प्रताड़ित ही कर रही है।