सावधान! बच्चों को बीमार कर रहा है COVID-19 से जुड़ा 'यह सिण्ड्रोम'
~2.jpeg)
भारत में मुश्किलें पैदा कर सकता है मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिण्ड्रोम
SEP 08 (WTN) - चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना वायरस महामारी इस समय मानव सभ्यता के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। कोरोना वायरस संक्रमण महामारी की भयावहता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस लेख को लिखे जाने तक, कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19) के कारण अभी तक पूरी दुनिया में क़रीब 8,97,231 लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, कोरोना वायरस संक्रमण से अभी तक 2,75,10,544 लोग पूरी दुनिया में संक्रमित हो चुके हैं।
इधर, 200 से ज़्यादा देश, कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19) से प्रभावित हैं, और इन सभी देशों के डॉक्टर्स अपने-अपने तरीके से कोरोना वायरस के मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन, जहां तक इस बीमारी की वैक्सीन की बात है, तो अभी तक कोरोना वायरस की ऐसी कोई भी प्रामाणिक वैक्सीन नहीं बन सकी है जो क्लीनिकल ट्रायल के सभी चरणों को पूरा कर चुकी हो।
ख़ैर, इन सबके बीच, दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिन, अब बच्चों में भी कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित एक जानलेवा सिंड्रोम देखने को मिल रहा है, जो कि काफी खतरनाक है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बच्चों में कोरोना वायरस का सामान्यतः हल्का या गैर लक्षणी संक्रमण ही देखने को मिल रहा था। इतना ही नहीं, कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी के कारण बच्चों की मौतों का आंकड़ा भी बेहद कम रहा है। लेकिन, स्वीडन, अमेरिका, स्पेन और ब्रिटेन के बाद अब भारतीय बच्चों में भी एक जानलेवा मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिण्ड्रोम, MIS-C देखने को मिल रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से हुई मौतों में 20 साल की आयु से कम आयु के युवाओं व बच्चों की संख्या सिर्फ़ 1.22 प्रतिशत ही है, और भारत में MIS-C अभी भी काफी सीमित है। आपकी जानकारी लिए बता दें कि MIS-C बीमारी में मरीज़ को तेज़ बुखार आता है शरीर के अंग ठीक तरह से काम नहीं करते हैं और शरीर के अंगों में बहुत ज़्यादा सूजन देखने को मिलती है।
वहीं, बच्चों की एक अन्य बीमारी कावासाकी के लक्षणों के साथ भी MIS-C के लक्षण मिल जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कावासाकी बीमारी में धमनियों में सूजन आती है और शरीर के कई अंग ख़राब भी हो जाते हैं। इधर, एक जर्नल में छपे शोध के अनुसार, MIS-C और कावासाकी बीमारी में धमनियों को होने वाले नुकसान से जुड़ी हुई सूजन और अन्य लक्षण थोड़े अलग रहते हैं।
वहीं, इधर स्वीडन और इटली के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में स्वस्थ बच्चों में प्रतिरक्षा कोशिकाओं, साइटोकाइन और ऑटो एंटीबॉडीज के तंत्र का विश्लेषण किया है। इस शोध के अनुसार, COVID-19 से पहले कावासाकी बीमारी से ग्रसित बच्चे, COVID-19 से ग्रसित बच्चे और MIS-C से ग्रसित बच्चों में यह पाया गया कि इनमें मल्टीपल ऑटोएंटीबॉडीज के कारण MIS-C बीमारी फैलती है। शोध में बताया गया है कि इन दोनों ही बीमारियों में बुखार, कंजक्टीवाइटिस, पैरों में सूजन, गले में सूजन होना एकसमान ही है। वहीं, MIS-C में खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, पेट में दर्द और उल्टी होना आम बात है।
ख़ैर, अब जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और अभी तक इसकी कोई भी वैक्सीन भारत में उपलब्ध नहीं है, तो समय की ज़रूरत है कि आप ख़ुद का पूरा ध्यान रखें। वहीं, घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इतना ही नहीं, डॉक्टर की सलाह से योग, प्रणायाम और आयुर्वेद के ज़रिए ख़ुद की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। साथ ही, विटामिन-डी की शरीर में आपूर्ति के लिए कम से कम 20 मिनिट तक सूर्य की रोशनी के प्रत्यक्ष सम्पर्क में रहें।