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यदि भारत-चीन युद्ध हुआ, तो क्या भारत का साथ देगा इज़राइल?

Thursday - September 10, 2020 12:16 pm , Category : WTN HINDI
भारत और इज़राइल के बीच हैं काफी अच्छे संबंध
भारत और इज़राइल के बीच हैं काफी अच्छे संबंध

चीन से युद्ध की स्थिति में क्या भारत कर सकता है इज़राइल पर विश्वास?

 

SEP 10 (WTN) - चीन एक ऐसा देश है जो कि अपने हर पड़ोसी देश के साथ सीमा विवाद करने के लिए कुख्यात है। इतना ही नहीं, चीन न केवल अपने सीमावर्ती देशों की ज़मीन को हड़पने की कोशिशें करता रहता है, बल्कि चीन, साउथ चीन सी में काफी लम्बे समय से अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और नियमों का उल्लंघन भी कर रहा है, और यहां पर स्थित द्वीपों पर कब्ज़ा करता जा रहा है।

लेकिन, जहां तक भारत और चीन के संबंधों की बात, तो इस समय दोनों ही देशों के बीच काफी तनाव का माहौल है। पूर्वी लद्दाख पर स्थित LAC (Line of Actual Control) पर दोनों ही देशों की सेनाएं आमने सामने हैं और युद्ध की गम्भीर स्थिति बनी हुई है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से LAC पर भारी तनाव है। हालात इतने ज़्यादा तनावपूर्ण हैं कि LAC पर 45 सालों बाद फायरिंग हुई हैं।

ख़ैर, अब जबकि भारत और चीन के बीच युद्ध की आशंका बनी हुई है, तो पूरी दुनिया की निगाहें भारत और चीन पर टिकी हुई हैं। दरअसल, भारत और चीन दोनों ही परमाणु शक्ति सम्पन्न देश हैं। ऐसे में यदि इन दोनों ही देशों के बीच युद्ध होता है, तो यह युद्ध काफी भयानक भी हो सकता है। और, यदि ऐसा होता है, तो इस युद्ध में अन्य देश भी अपनी-अपनी सुविधा अनुसार भारत या चीन का साथ दे सकते हैं। 

बात करें भारत की, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने आज़ादी के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तटस्थता की भूमिका निभाई है, और इसी कारण से भारत, NATO (North Atlantic Treaty Organization) जैसे किसी भी सैन्य संगठन का सदस्य नहीं है। ऐसे में यदि चीन के साथ भारत का युद्ध होता है, तो यह देखना जरूरी है कि ज़रूरत पड़ने पर भारत का साथ कौन-कौन से देश देते हैं?

वैसे भारत के कई देशों के साथ काफी अच्छे कूटनीतिक सम्बन्ध हैं। लेकिन, जहां तक चीन के साथ युद्ध की स्थिति में भारत का साथ देने की बात है, तो इस स्थिति में अमेरिका, रूस, ताईवान, ऑस्ट्रेलिया और इज़राइल पर भारत भरोसा कर सकता है। ख़ैर, जहां तक इज़राइल की बात है, तो फ़िलहाल इजराइल ने उम्मीद जताई है कि भारत और चीन शांतिपूर्ण तरीके से अपने आपसी मतभेद दूर कर लेंगे, और यही इज़राइल की इच्छा भी है।

दरअसल, हक़ीक़त यह है कि चीन के साथ यदि भारत का युद्ध होता है, तो भारत को इज़राइल से किसी भी तरह की सहायता की फ़िलहाल उम्मीद नहीं रखना चाहिए। क्योंकि, इज़राइल के भारत और चीन दोनों ही देशों के साथ अच्छे कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध हैं। जी हां, अभी तक की स्थिति में इज़राइल का कहना है कि वो भारत और चीन दोनों ही देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। यानि स्पष्ट है कि इज़राइल अभी खुलकर भारत के पक्ष में नहीं आया है।

दरअसल, इज़राइल अभी नहीं चाहता है कि इस समय जबकि भारत और चीन के बीच सिर्फ़ तनाव है और युद्ध शुरू नहीं हुआ है, तो वो अपनी सैन्य स्थिति स्पष्ट करे। वहीं, यदि भारत और चीन के बीच युद्ध होता है तो इज़राइल पूरी तरह से तटस्थ रहे। इतना ही नहीं, हो सकता है कि यदि भारत-चीन युद्ध में पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया, तो इस परिस्थिति में इज़राइल खुलकर भारत का साथ दे। लेकिन, एक सच्चाई यह भी है कि इज़राइल के किसी भी युद्ध में भारत ने अपनी तटस्थता की नीति के कारण कोई भी मदद नहीं की है। ख़ैर, यह सब तो अभी संभावनाएं हैं। लेकिन, वास्तविकता में क्या होता है? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।