यातायात सुरक्षा के लिए मोदी सरकार ने उठाए बड़े क़दम
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...तो अब आगे से 'यह' सारे बदलाव होंगे नई बाइक में!
SEP 14 (WTN) - भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में बहुत कम लोग ही यातायात के नियमों का सही तरीके से पालन करते हैं। वहीं, यातायात के नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने पर हर दिन सैकड़ों की तादाद में सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिसमें कई लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि, लोग यातायात के नियमों का सख़्ती से पालन करें, इसके लिए कुछ समय पहले यातायात के नियमों को काफी सख़्त भी किया गया था। लेकिन, कई जगहों पर इसका जमकर विरोध भी किया गया। वहीं, कई राज्यों ने तो इन नियमों को मानने से ही इनकार कर दिया था।
लेकिन वहीं दूसरी तरफ, यातायात सुरक्षा को और भी ज़्यादा बेहतर करने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में बाइक पर सवारी करने वालों के लिए कुछ नियमों में बदलाव भी किया गया है। आखिर किस तरह के हैं यह बदलाव? इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
बता दें कि पिछले महीने परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी हुई एक गाइडलाइन के अनुसार, अब बाइक निर्माता कंपनियों को बाइक के दोनों ओर ड्राइवर की सीट के पीछे हैंड होल्ड बनाने होंगे। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य यह है कि बाइक के पीछे बैठने वाले को सुरक्षा मिल सके। हालांकि, अभी ज़्यादातर बाइक्स में यह सुविधा नहीं है। लेकिन, अब जो नई बाइक्स बनेंगी उनमें हैंड होल्ड लगे हो सकते हैं।
वहीं, अब इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले के लिए दोनों तरफ फुट रेस्ट यानी कि पायदान को अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे बाइक के पीछे बैठने वाली सवारी को पैर रखने में किसी भी तरह की कोई भी परेशानी न हो। इतना ही नहीं, बाइक के पीछे बैठने वाले लोगों की और भी ज़्यादा सुरक्षा के लिए गाइडलाइन में कहा गया है कि अब बाइक के पिछले पहिये के लेफ्ट साइड का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि बाइक का पिछला पहिया कवर होने से बाइक के पीछे बैठने वालों के कपड़े उस पिछले पहिए में नहीं उलझे, और कपड़े उलझने से कोई भी दुर्घटना न हो।
इतना ही नहीं, परिवहन मंत्रालय ने बाइक में पिछली सीट पर हल्का कंटेनर लगाने के लिए भी गाइडलाइन जारी की है। इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से ज़्यादा नहीं होगी। लेकिन, आप सोच रहे होंगे कि आख़िर क्या कारण है कि बाइक की पिछली सीट पर कंटेनर लगाने को कहा जा रहा है? तो आपकी जानकारी के किए बता दें कि पिछली सवारी की सीट पर कंटेनर इसलिए लगाया जाएगा, जिससे सिर्फ़ ड्राइवर की इजाज़त से ही कोई व्यक्ति बाइक पर पीछे बैठ सकेगा।
इधर, परिवहन मंत्रालय ने गाड़ियों के टायर को लेकर भी एक नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के अनुसार, अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम में सेंसर के जरिए ड्राइवर को इस बात की जानकारी मिल सकेगी कि गाड़ी के टायर में हवा ज़्यादा है या कम है? वहीं, परिवहन मंत्रालय ने टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है। ख़ैर, अब देखना होगा कि परिवहन मंत्रालय की यह नई गाइडलाइन्स कब तक पूरी तरह से प्रभावी हो पाती हैं, और इनका कितना लाभ आम जनता को मिलता है?