निराशा और आशा के बीच पटरी पर लौटती देश की अर्थव्यवस्था

कोरोना इफ़ेक्ट: चालू वित्त वर्ष में GDP में भारी गिरावट का अनुमान
SEP 16 (WTN) - कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19) के कारण पूरी दुनिया को कितनी ज़्यादा आर्थिक क्षति हुई है, इसका अंदाज़ा तो आपने लगा ही लिया होगा। जहां तक भारत की बात है, तो भारत सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक लम्बा लॉकडाउन लगाया था। वहीं, स्वाभाविक है कि लॉकडाउन के कारण देश की 99 प्रतिशत आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गईं थीं। और, इसी कारण से चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में भारत की GDP में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज़ की गई।
वहीं, लॉकडाउन के कारण काफी लम्बे समय तक मिल और कारखाने बंद रहे। वहीं, ऑफिस बंद रहने से सर्विस सेक्टर पर भी काफी असर पड़ा। इतना ही नहीं, लॉकडाउन के कारण देश के संगठित और असंगठित दोनों ही क्षेत्रों में काफी लोगों को बेरीज़गारी का सामना करना पड़ा। वहीं, यात्री गाड़ियों का संचालन बंद होने से भारतीय रेलवे को नुकसान उठाना पड़ा, बल्कि रेलवे को आमदनी नहीं होने के कारण रेलवे के लाखों कर्मचारियों को वेतन देने का बोझ भी भारत सरकार पर आ गया।
हालांकि, अब देश में आर्थिक गतिविधियों ने गति पकड़ ली है, और देश लॉकडाउन के दौर से बाहर निकलता जा रहा है। लेकिन, फिर भी देश की आर्थिक गतिविधियों को सही तरीके से ट्रैक पर आने के लिए अभी समय लगेगा और इसका पूरा प्रभाव देश की GDP पर पड़ने वाला है। देश के चालू वित्त वर्ष में GDP में भारी गिरावट दर्ज़ होने की आशंका RBI समेत कई रेटिंग एजेसियां व्यक्त कर चुकी हैं।
इसी कड़ी में अब भारत के चालू वित्त वर्ष 2020-21 की GDP के बारे में ADB (Asian Development Bank) ने अनुमान लगाया है कि इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में क़रीब 9 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके पहले कई रेटिंग एजेंसियां के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP में 9 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है।
बता दें कि ADB की ओर से जारी एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ)-2020 अपडेट में भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में कहा गया है, "भारत में COVID-19 के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं, और इसके कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP में 9 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।" हालांकि, ADB का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़िया प्रदर्शन करेगी। ADB का मानना है कि कारोबारी गतिविधियों के पटरी पर लौटने से अगले वित्त वर्ष में भारत की GDP में 8 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
बात करें भारत की GDP के बारे में अन्य अनुमानों की, तो रेटिंग एजेंसी फिच के अनुमान के अनुसार, COVID-19 के कारण भारत की GDP में वित्त वर्ष 2020-21 में क़रीब 10.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। वहीं, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की GDP में 9 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। वहीं, इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमन सैक्श के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की GDP में 14.8 प्रतिशत की भारी गिरावट आ सकती है। इधर, इंडिया रेटिंग ऐंड रिसर्च (Ind-Ra) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की GDP में क़रीब 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
ख़ैर, भारत की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे लॉकडाउन के कठिन दौर से बाहर निकल रही है। लेकिन, यदि भारत को अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है, तो मोदी सरकार को COVID-19 से बचने की, लड़ने की और इलाज की क्षमता को बढ़ाना होगा। जितने बेहतर तरीक़े से और जल्द ही भारत COVID-19 के प्रभाव से खुद को बचा पाएगा और मुक्त कर पाएगा, और फिर उसी अनुपात में भारत की GDP ग्रोथ रेट आगे बढ़ने की आशा की जा सकती है।