BrahMos WORLD INDIA MADHYA PRADESH BHOPAL WTN SPECIAL GOSSIP CORNER RELIGION SPORTS BUSINESS FUN FACTS ENTERTAINMENT LIFESTYLE TRAVEL ART & LITERATURE SCIENCE & TECHNOLOGY HEALTH EDUCATION DIASPORA OPINION & INTERVIEW RECIPES DRINKS BIG MEMSAAB 2017 BUDGET 2017 FUNNY VIDEOS VIRAL ON WEB PICTURE STORIES Mahakal Ke Darshan
WTN HINDI ABOUT US PRIVACY POLICY SITEMAP CONTACT US
logo
Breaking News

...तो क्या प्राकृतिक नहीं है कोरोना वायरस?

Wednesday - September 16, 2020 4:37 pm , Category : WTN HINDI
चीन के वुहान शहर से फैला है कोरोना वायरस
चीन के वुहान शहर से फैला है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस पर हॉन्‍ग कॉन्‍ग की एक वैज्ञानिक का चौकाने वाला खुलासा

SEP 16 (WTN) - मानव सभ्यता के सामने यदि इस समय सबसे बड़ी कोई चुनौती और समस्या है, तो वह है कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19)। इस महामारी की भयावहता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस लेख को लिखे जाने तक, COVID-19 से अभी तक पूरी दुनिया में क़रीब 9,39,935 लोगों की मौत हो चुकी है।

ख़ैर, जैसा कि आप जानते ही हैं कि आरोप हैं कि चीन की वामपंथी सरकार की ग़लती, लापरवाही और ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैये के कारण ही कोरोना वायरस संक्रमण, वुहान शहर से पूरी दुनिया में फैला है। वहीं, समय-समय पर आरोप तो यह भी लगते रहे हैं कि कोरोना वायरस एक प्राकृतिक वायरस नहीं है बल्कि इसे चीन की किसी लैब में तैयार किया गया है। हालांकि, चीन की वामपंथी सरकार इन तमाम तरह के आरोपों को सिरे से नकार चुकी है।

लेकिन इस सबके बीच, चीन की मशहूर वायरॉलाजिस्ट डॉ. ली-मेंग यान ने कोरोना वायरस को लेकर ऐसे दावे किए हैं जिससे चीन की वामपंथी सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं। दरअसल, वायरॉलाजिस्ट डॉ. ली-मेंग यान के अनुसार, कोरोना वायरस को दो चमगादड़ों के जेनेटिक मैटेरियल को मिलाकर चीन की लैब में तैयार किया गया है।

वायरॉलाजिस्ट डॉ. ली-मेंग यान के अनुसार वे हॉन्‍ग कॉन्‍ग स्‍कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्‍थ में शोध कर चुकीं हैं। डॉक्‍टर यान ने कोरोना वायरस से सम्बंधित एक रिपोर्ट प्र‍काशित की है, और इस रिपोर्ट में डॉक्टर यान ने दावा किया है कि कोरोना वायरस को लैब में ही तैयार किया गया है, और उनके पास इसके पक्के सबूत हैं। बता दें कि डॉ. ली-मेंग यान का कहना है कि उन्होंने पहले ही यह दावा कर दिया था कि चीन की वामपंथी सरकार को कोरोना वायरस के बारे में जानकारी तब ही पता चल गई थी जब महामारी फैलना शुरू नहीं हुई थी। और, यही दावा करने के बाद से उन्हें अपनी जान बचाकर भागने को मजबूर होना पड़ा।

दरअसल, डॉक्‍टर यान का कोरोना वायरस के बारे में दावा है कि कोरोना वायरस के स्‍पाइक प्रोटीन को बदलकर उसे आसान बनाया गया है जिससे वह ह्यूमन सेल में आसानी से चिपककर बैठ जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डॉक्‍टर यान ने कोरोना वायरस के बारे में यह दावा Loose Women पर किया है। डॉ. यान का दावा है कि वुहान के सीफ़ूड मार्केट से COVID-19 के फैलने की खबरें सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि वुहान के सीफ़ूड मार्केट को पर्दे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि वायरस प्राकृतिक नहीं है।

कोरोना वायरस के बारे में डॉक्टर यान स्पष्ट रूप से कहती हैं कि कोरोना वायरस वुहान के लैब से फैला है न कि वुहान के सीफ़ूड मार्केट से क्योंकि कोरोना वायरस का जीनोम सीक्वेंस इंसानी फिंगर प्रिंट जैसा है, और इस आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है। हालांकि, डॉ. यान का आरोप है कि कोरोना वायरस के बारे में उनके द्वारा दी गई जानकारी को चीन के डेटाबेस से हटा दिया गया है।

लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डॉक्टर यान का ये दावा अभी संदिग्ध लग रहा है क्योंकि यह शोध अभी तक किसी भी वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है और न ही इसकी किसी ने अभी तक समीक्षा की है। बता दें कि कई वैज्ञानिकों ने डॉक्‍टर यान के इस दावे को सही नहीं माना है, और इस दावे पर सवाल खड़े किए हैं। कई वैज्ञानिकों ने डॉक्‍टर यान की रिपोर्ट को ही अप्रमाणित क़रार दिया है।

वहीं, कई वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस के बारे में डॉक्‍टर यान की रिपोर्ट को विश्‍व‍सनीय नहीं कहा माना जा सकता है। दरअसल, वैज्ञानिकों का कहना है कि शोध पत्रों में यह पहले ही साबित किया जा चुका है कि कोरोना वायरस का जन्‍म चमगादड़ों से हुआ है। लेकिन, इसे इंसानों के लिए बनाए जाने के कोई सबूत फिलहाल नहीं हैं। ख़ैर, डॉ. ली-मेंग यान का कोरोना वायरस के बारे में किया गया दावा कितना सही है और कितना ग़लत है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन, इतना तो तय है कि कोरोना वायरस के बारे में चीन काफी कुछ सच दुनिया के सामने छिपा रहा है।