PoK में चीन का भारत के ख़िलाफ़ बड़ा 'षडयंत्र'

CPEC के ज़रिए चीन की भारत को घेरने की 'चाल'
SEP 17 (WTN) - विस्तारवादी मानसिकता वाली चीन की वामपंथी सरकार लगातार पूर्वी लद्दाख में LAC (Line of Actual Control) पर भारत के ख़िलाफ़ उकसाने वाली हरकतें अपनी सेना PLA (People's Liberation Army) के ज़रिए करा रही है। दरअसल, चीन अपनी विस्तारवादी मानसिकता के कारण एशिया की महाशक्ति बनने की जिद में है। लेकिन, चीन अच्छी तरह से जानता है कि उसके यह मंसूबे भारत के शक्तिशाली रहते पूरे नहीं हो सकते हैं; इसलिए, चीन की पूरी कोशिशें रहती हैं कि वो भारत को चारों तरफ से घेर कर उस पर दबाव बनाता रहे।
चीन अपनी इसी कुटिल योजना के तहत भारत के पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में काफी घुसपैठ कर चुका है। लेकिन, चीन ने सबसे बड़ी घुसपैठ की है पाकिस्तान में। दरअसल, एक इंटरनेशनल न्यूज़ वेबसाइट ने दावा किया है कि चीन, PoK (Pakistan Occupied Kashmir) में CPEC (China Pakistan Economic Corridor) की आड़ में एक सैन्य अड्डा बना रहा है। जानकारी के अनुसार, चीन ने CPEC के तहत 11 अरब डॉलर के एक नए प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी है, और इसी प्रोजेक्ट की आड़ में चीन, भारत को घेरने के लिए PoK में एक सैन्य अड्डा बना रहा है।
सबसे पहले तो आपकी जानकारी के लिए लिए बता दें कि CPEC के तहत चीन ने पाकिस्तान में 87 अरब डॉलर का निवेश किया है। अपने महत्वाकांक्षी CPEC प्रोजेक्ट में चीन, पाकिस्तान में पोर्ट, सड़कें, रेलवे और पॉवर प्लांट आदि बना रहा है। लेकिन, आरोप है कि चीन का उद्देश्य CPEC के आड़ में भारत को घेरना और पाकिस्तान में सैन्य अड्डे स्थापित करना है।
वहीं,न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट में दावा किया गया है इस सैन्य अड्डे और अन्य प्रोजेक्ट्स से भारत का ध्यान हटाने के लिए ही चीन की सेना लगातार लद्दाख में उकसाने वाली कार्रवाई कर रही है। दरअसल, CPEC प्रोजेक्ट के ज़रिए चीन चाहता है कि व्यापार के लिए उसकी निर्भरता मलक्का स्ट्रेट पर कम हो क्योंकि चीन जानता है कि मलक्का स्ट्रेट में भारत और अमेरिका उसके नापाक मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे। इसलिए, मलक्का स्ट्रेट पर चीन अपनी निर्भरता कम करना चाहता है और पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के रास्ते अपना व्यापार करना चाहता है। यही कारण है कि चीन, पाकिस्तान में एक आधुनिक सैन्य अड्डे को बनाना चाहता है।
हालांकि, पाकिस्तानी प्रशासन ने इस बात को नकार दिया है कि उसने चीनी सेना को अपने ग्वादर और गिलगित बाल्टिस्तान के सैन्य ठिकानों को इस्तेमाल करने का अधिकार दे दिया है। लेकिन, सच्चाई कुछ अलग ही नज़र आ रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गिलगित का इलाक़ा PoK में आता है, और PoK, भारत का हिस्सा है। चीन ने ग्वादर पोर्ट और गिलगित दोनों ही जगहों पर अरबों डॉलर का निवेश किया है, और इसकी आड़ में चीन यहां पर अपना सैन्य अड्डा बना रहा है।
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन अब कराकोरम हाइवे को भी अपग्रेड करने वाला है, जो कि चीन के शिनजियांग प्रांत के काशगर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से जोड़ता है। दरअसल, यह हाइवे, चीन के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। वहीं, पाकिस्तान, PoK के सुधानोटी ज़िले में झेलम नदी पर आजाद पट्टान हाइड्रो प्रॉजेक्ट बनने वाला है, जो कि CPEC का एक हिस्सा है। लेकिन, माना जा रहा है कि इस बांध के ज़रिए चीन, गिलगित-बाल्टिस्तान में अपने सैनिकों को तैनाती करेगा।
स्पष्ट है कि भारत को घेरने के लिए ही चीन, CPEC की आड़ में PoK में अपना सैन्य अड्डा बना रहा है। वहीं, यदि ऐसा करने में चीन सफल हो जाता है, तो PoK में चीन की सेना के आने से पाकिस्तान, PoK में भारत के ख़िलाफ़ मजबूत हो जाएगा। हालांकि, CPEC का काफी विरोध पाकिस्तान में हो रहा है। लेकिन, इसी CPEC के ज़रिए पाकिस्तान की सेना काफी कमाई भी कर रही है। ख़ैर, अब देखना होगा कि चीन और पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का क्या जवाब भारत देता है?