बड़ा सवाल: सूर्य का नया सौर चक्र ख़तरा है या अवसर?
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आइये जानिए क्या है सूर्य का सौर चक्र?
SEP 17 (SEP) - जैसा कि आप जानते ही हैं कि सूर्य हमारे सौरमण्डल के केन्द्र में स्थित है, और हमारे सौरमण्डल के सभी ग्रह अपनी-अपनी कक्षा में सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं। वहीं, आप यह भी अच्छे तरह से जानते ही होंगे कि सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन असम्भव है। दरअसल, पृथ्वी का अस्तिव ही सूर्य के कारण है, और सूर्य में होने वाले परिवर्तन पृथ्वी पर बहुत ज़्यादा असर डालते हैं।
इसी कड़ी में NASA (National Aeronautics and Space Administration) के अनुसार सूर्य अब अपने नए सौर मौसमी चक्र में प्रवेश कर चुका है। NASA के मुताबिक़, सूर्य की इस गतिविधि के दौर को 25वां सौर चक्र कहा जा सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि सूर्य का सौर मौसमी चक्र क्या है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य की गतिविधियां 11 साल के एक चक्र में चलती हैं। इस चक्र में सूर्य, जो कि एक तारा है, लगातार शान्त स्थिति से सक्रिय स्थिति में आकर फिर वापस शान्त स्थिति में आ जाता है। दरअसल, सूर्य की इसी सक्रियता और निष्क्रियता के एक पूरे चक्र को सौर मौसम कहा जाता है।
वहीं, आइये अब आपको बताते हैं कि सूर्य के नए सौर मौसमी चक्र में प्रवेश करने से क्या कुछ परिवर्तन होंगे, और इन परिवर्तनों का पृथ्वी पर मानव जीवन पर क्या असर पड़ेगा? NASA के वैज्ञानिकों की मानें, तो सूर्य के नए सौर मौसम चक्र से अंतरिक्ष के मौसम में बदलाव आएगा, और इसका असर पृथ्वी के मौसम और तकनीक पर तो पड़ेगा ही, साथ ही इसका असर अंतरिक्ष यात्रियों पर होगा।
वहीं, सूर्य के नए सौर चक्र के बारे में NASA ने अपने बयान में कहा है कि जब सूर्य अपने नए चक्र की ओर जाता है तब उसकी सतह पर कई तरह की नाटकीय घटनाएं देखने को मिलती हैं जैसे कोरोनल मास इजेक्शन या फिर सौर ज्वाला। और इनके कारण अंतरिक्ष में बड़ी मात्रा में प्रकाश और सौर पदार्थ निकलते हैं।
NASA के वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य का 25वां सौर चक्र, साल 2025 में अपने शीर्ष पर होगा। लेकिन, आमतौर पर यह एक कम सक्रिय सौर चक्र होगा। दरअसल, यह बिलकुल 24वें सौर चक्र की तरह ही होगा, जो कि पिछले साल दिसंबर के महीने में ख़त्म हुआ है। लेकिन, सूर्य के इस नए सौर चक्र के कारण अंतरिक्ष और पृथ्वी के मौसम में काफी बदलाव होंगे जिसके कारण बहुत सी समस्याएं और जटिलताएं सामने आ सकती हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य के नए सौर चक्र में प्रवेश के कारण सौर मौसम में बहुत तरह के बदलाव हो सकते हैं जैसे, पृथ्वी के अंदर रेडियो संचार समेत अन्य संचार माध्यमों पर भी असर हो सकता है। वहीं, दूसरी तरफ अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ख़तरनाक तरह के विकिरण का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन, वैज्ञानिक इसे ख़तरा नहीं मानते हुए एक अवसर मान रहे हैं, जो कि भविष्य के लिए योजना बनाने के एक बड़ा मौक़ा है।
हालांकि, वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान है कि यह सूर्य चक्र पिछले सौर चक्र जैसा ही होगा, जो कि औसत से कम सक्रिय था। लेकिन, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि ऐसा भी नहीं है कि सूर्य के इस नए सौर चक्र से कोई भी ख़तरा नहीं है। हो सकता है कि सब कुछ ठीक रहे, लेकिन फिर भी ख़राब अंतरिक्षीय मौसम का ख़तरा तो फिर भी बना ही रहेगा।