जानिए क्यों एक बार फिर विवादों में घिरी रूस की COVID-19 की वैक्सीन स्पूतनिक-5!

...तो क्या स्पूतनिक-5 वैक्सीन लेने के बाद होते हैं साइड इफेक्ट?
SEP 18 (WTN) - चीन के वुहान शहर से उपजी कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19) इस समय पूरी दुनिया के सामने एक सबसे बड़ी चुनौती है। जहां तक इस बीमारी की भयावहता की बात है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस लेख को लिखे जाने तक, कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के कारण पूरी दुनिया में अभी तक क़रीब 9,50,988 लोगों की मौत हो चुकी है।
ख़ैर, जहां तक COVID-19 की वैक्सीन की बात है, तो अभी तक ऐसी कोई भी वैक्सीन नहीं बन पाई है जो कि क्लीनिकल ट्रायल के सभी तीनों चरणों को पूरा कर सकी हो। हालांकि, रूस ने दावा किया है कि उसके वैज्ञानिकों द्वारा COVID-19 की वैक्सीन बना ली है, जो कि सफल और सुरक्षित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 11 अगस्त को रूस के गामालेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ने COVID-19 के लिए स्पूतनिक-5 नाम से वैक्सीन लॉन्च की थी। लेकिन, लॉन्चिंग के बाद से ही यह वैक्सीन विवादों में हैं क्योंकि इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अभी पूरा ही नहीं हुआ है।
लेकिन, अब जबकि COVID-19 के लिए रूस में निर्मित स्पूतनिक-5 वैक्सीन भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों में इस्तेमाल की जानी है, तो इसके पहले ही यह वैक्सीन एक बार फिर से विवादों में आ गई है, और इस वैक्सीन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। दरअसल, रूस में इस वैक्सीन को लेने वाले हर सात में से एक वॉलंटियर में इसके साइड इफेक्ट देखे जा रहे हैं, और वॉलंटियर्स में हो रहे इस साइड इफ़ेक्ट के बारे में ख़ुद रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने जानकारी दी है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मुराश्को ने अनुसार, COVID-19 की स्पूतनिक-5 वैक्सीन लेने से क़रीब 14 प्रतिशत लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए हैं।
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को के अनुसार, हर सात में से एक व्यक्ति ने COVID-19 की स्पूतनिक-5 वैक्सीन लेने के बाद कमज़ोरी और मांसपेशियों में दर्द जैसे साइड इफेक्ट की शिकायत की है। हालांकि, मुराश्को के अनुसार, स्पूतनिक-5 वैक्सीन लेने के बाद इस तरह के साइड इफेक्ट के मामले की पहले से ही जानकारी थी, और यह सभी लोग अगले ही दिन ठीक भी हो गए थे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्पूतनिक-5 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के प्रारंभिक परिणाम 4 सितंबर को 'द लैंसेट' जर्नल में प्रकाशित किए गए थे। जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 76 लोगों को यह वैक्सीन दो भाग में दी गई थी। बाद में जांच में यह पाया गया कि COVID-19 की वैक्सीन, स्पूतनिक-5 पूरी तरह से सुरक्षित है, और इस वैक्सीन को लेने वाले वॉलंटियर्स के शरीर में 21 दिनों तक वैक्सीन के बिना किसी गंभीर साइड इफेक्ट के एंटीबॉडी बनी है।
हालांकि, 'द लैंसेट' में स्पूतनिक-5 वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में भी जानकारी दी गई थी। जर्नल के अनुसार, वैक्सीन के साइड इफेक्ट में 58 प्रतिशत लोगों नें इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर दर्द की शिकायत की थी। वहीं, 50 प्रतिशत लोगों ने तेज़ बुखार की, 42 प्रतिशत लोगों ने सिर दर्द की, 28 प्रतिशत लोगों ने कमजोरी की और 24 प्रतिशत लोगों ने मांसपेशियों में दर्द की शिकायत की थी।
हालांकि, स्पूतनिक-5 की स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी वैक्सीन को लेने के बाद इस तरह के साइड इफेक्ट देखे जाते हैं। ख़ैर, अब जबकि स्पूतनिक-5 वैक्सीन, भारत में भी इस्तेमाल होने वाली है, तो ऐसे में भारत सरकार को इस वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में पूरी जांच करने के बाद ही इसे भारत में इस्तेमाल करने की इजाज़त देना चाहिए। हालांकि, इस वैक्सीन को भारत में मंज़ूरी देने से पहले भारत में भी लोगों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा। लेकिन, फिर भी सावधान रहने की ज़रुरत तो है।