...तो क्या इंस्टाग्राम के ज़रिए फेसबुक करता है आपकी जासूसी?

फेसबुक पर फिर लगा अपने यूज़र्स का डेटा कलेक्ट करने का आरोप
SEP 19 (WTN) - टेक्नोलॉजी के इस दौर में आप कंप्यूटर और स्मार्टफोन का इस्तेमाल तो ज़रूर ही करते होंगे। वहीं, आप सोशल मीडिया साइट्स और ऐप्स पर भी काफी सक्रिय होंगे। दरअसल, सोशल मीडिया ने आपकी ज़िन्दगी को काफी दिलचस्प और मनोरंजक बना दिया है। सोशल मीडिया के कारण ही आप दूर रह रहे अपने रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों से संपर्क में रह पाते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि सोशल मीडिया के द्वारा आपकी जासूसी हो सकती है, जो कि आपकी निजता का हनन है।
दरअसल, काफी लम्बे समय से आरोप लगते रहे हैं कि कई सोशल मीडिया ऐप्स और साइट्स अपने यूज़र्स की निजी जानकारियां किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर करती हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो इन साइट्स और ऐप्स पर जासूसी का आरोप तक लगा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा पॉपुलर सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक बार से फिर से जासूसी का आरोप लगा है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फेसबुक एक बार फिर से विवादों में घिर गया है। दरअसल, एक बार फिर से फेसबुक को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, फेसबुक पर इंस्टाग्राम यूजर्स की कथित जासूसी करने के आरोप में सैन फ्रांसिस्को के फेडरल कोर्ट में मुक़दमा दर्ज़ किया गया है।
दरअसल, न्यू जर्सी की रहने वाली एक इंस्टाग्राम यूज़र ने फेसबुक पर मुकदमा दायर किया है, और उन्होंने फेसबुक पर यह आरोप लगाया है कि कंपनी (फेसबुक), यूज़र की इजाज़त के बिना ही इंस्टाग्राम यूज़र्स के फोन कैमरा को ऐक्सेस करती है, जबकि उस समय यूज़र्स द्वारा कैमरे का इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा होता है। इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता का आरोप है कि फेसबुक यह सब इसलिए करती है, जिससे यूज़र्स का डेटा कलेक्ट किया जा सके।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह केस इस साल जुलाई में आई एक रिपोर्ट से जुड़ा हुआ है, जिसमें फेसबुक पर आरोप लगा था कि फेसबुक के स्वामित्व वाला इंस्टाग्राम, आईफोन के कैमरे को इस्तेमाल न करने के बाद भी कैमरा ऐक्सेस करता है। हालांकि, इन तमाम तरह के आरोपों को फेसबुक ने सिरे से खारिज़ किया है। इस बारे में फेसबुक का कहना है कि यह सब इसलिए हुआ क्योंकि ऐप में एक बग आ गया था, जो कि कथित तौर पर यूज़र्स को गलत नोटिफिकेशन देता था।
ख़ैर, ऐसा नहीं है कि इस तरह के आरोप फेसबुक पर पहली बार लगे हैं। दरअसल, फेसबुक पहले भी काफी विवादों में फंसता रहा है। आपकी जानकारी के लिये बता दें कि पिछले महीने ही फेसबुक के ख़िलाफ़ एक केस दर्ज किया गया था। इस केस में फेसबुक पर आरोप लगाया गया था कि कंपनी, इंस्टाग्राम के लाखों यूज़र्स का बायोमैट्रिक डेटा चुराने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है। हालांकि, इस आरोप को भी फ़ेसबूक ने सिरे से खारिज़ कर कर दिया था। वहीं, इस बारे में फेसबुक ने स्पष्ट किया था कि इंस्टाग्राम किसी भी फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करता है।
वैसे, भारत में भी फेसबुक पर काफी आरोप लगते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान फेसबुक पर आरोप लगे थे कि कंपनी ने अपने यूज़र्स की निजी जानकारियों के ज़रिए एक ऐसा डेटा तैयार करने में मदद की थी, जिससे कि मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। इतना ही नहीं, अभी हाल ही में फेसबुक पर आरोप लगे हैं कि फेसबुक द्वारा एक पार्टी और एक विचारधारा की फेसबुक पर गतिविधियों को अपनी पॉलिसी के ख़िलाफ़ बताकर सेंसर किया गया। हालांकि, इन तमाम तरह के आरोपों पर फेसबुक ने अपना स्पष्टीकरण दिया है। लेकिन फिर भी, विवाद और आरोप हैं कि फेसबुक के साथ लगे ही रहते हैं।