BrahMos WORLD INDIA MADHYA PRADESH BHOPAL WTN SPECIAL GOSSIP CORNER RELIGION SPORTS BUSINESS FUN FACTS ENTERTAINMENT LIFESTYLE TRAVEL ART & LITERATURE SCIENCE & TECHNOLOGY HEALTH EDUCATION DIASPORA OPINION & INTERVIEW RECIPES DRINKS BIG MEMSAAB 2017 BUDGET 2017 FUNNY VIDEOS VIRAL ON WEB PICTURE STORIES Mahakal Ke Darshan
WTN HINDI ABOUT US PRIVACY POLICY SITEMAP CONTACT US
logo
Breaking News

निर्यात और रोज़गार बढ़ाने के लिए मोदी सरकार की 'बड़ी प्लानिंग'

Monday - September 21, 2020 4:57 pm , Category : WTN HINDI
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की बढ़ी तैयारियां
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बढ़ी तैयारियां

'आत्मनिर्भर भारत' योजना की सफलता के लिए मोदी सरकार ने कसी कमर

SEP 21 (SEP) - कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के दौरान लगे लम्बे लॉकडाउन और उसके बाद की परिस्थितियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया है। लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान हुआ है, इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP में 23.9% की गिरावट दर्ज़ की गई है। वहीं, कोरोना संकट के कारण मिल और कारखाने बन्द होने से लाखों लोगों को बेरोज़गारी का सामना करना पड़ा।

लेकिन इस सबके बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लगातार यही कोशिश है कि देश को आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जाए, जिससे भारत की आयात पर निर्भरता कम हो और देश में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रोज़गार हासिल हो सके। इसी कड़ी में मोदी सरकार अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के लिए बड़ी तैयारियां कर रही है।

मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, खिलौनों, स्पोर्ट्स के सामान, ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल समेत 24 सेक्टर्स में उत्पादन बढ़ाने के लिए स्पेशल इनसेन्टिव्स देने का ऐलान जल्द ही दूसरे राहत पैकेज में मोदी सरकार कर सकती है। माना जा रहा है कि इससे इन सेक्टर्स में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, आयात पर निर्भरता कम होगी और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।

हालांकि, मोदी सरकार पहले इस स्पेशल इंसेन्टिव्स के लिए एक दर्ज़न सेक्टर्स को चुन रही थी, लेकिन PMO में हुई बैठक में इसका दायरा 24 सेक्टर्स तक बढ़ाने का फैसला लिया गया। वहीं, जानकारी के अनुसार, इन सभी सेक्टर्स को सरकार अलग-अलग तरीके से इंसेन्टिव्स देगी ताकि घरेलू उत्पादन को बढ़ाया जा सके। वहीं, मोदी सरकार चाहती है कि फार्मा, स्टील, फूड प्रोसेसिंग, स्पेशलिटी केमिकल्स, फर्नीचर, प्लास्टिक और सोलर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों को तरजीह दी जाए, जिससे इन वस्तुओं का भारत ज़्यादा से ज़्यादा निर्यात कर सके।

जानकारी के अनुसार इन सेक्टर्स की कंपनियों को 3 तरीके से बढ़ावा दिया जाएगा। सबसे पहले कुछ कंपनियों को PLI (Production Linked Intensive) के ज़रिए मदद दी जाएगी। बता दें कि PLI उन सेक्टर्स के लिए होगा, जहां उत्पादन बढ़ाने के लिए कैश इंसेन्टिव्स दिया जा सके। माना जा रहा है कि कैश इंसेन्टिव्स वार्षिक उत्पादन बढ़ने के आधार पर दिया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार, दूसरा इंसेन्टिव्स, PMP (Phase Manufacturing Plan) के तहत दिया जा सकता है। इस नई प्लान के तहत मोदी सरकार आयात को धीरे-धीरे कम करेगी, और ऐसा करने के लिए किश्तों में इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाएगी। बता दें कि भारत सरकार, नॉन-टैरिफ बैरियर जैसे क्वॉलिटी कंट्रोल आदि लगाकर इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा सकती है।

वहीं बता दें कि FTA (Free Trade Agreement) का दुरुपयोग कर भारत में सस्ते आइटम्स आयात किए जा रहे हैं, और मोदी सरकार चाहती है कि इस पर रोक लगाई जा सके। यदि ऐसा होता है, तो इससे आयात महंगा होगा और देश में निर्मित वस्तुओं की डिमांड बढ़ेगी। ख़ैर, अब देखना होगा कि मोदी सरकार के इन उपायों से 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी महत्वाकांक्षी योजना कितनी सफल हो पाती है? वैसे यदि प्रधानमंत्री मोदी निर्यात और रोज़गार बढ़ाने में सफल रहे, तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।