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कोरोना वायरस की वैक्सीन और फेस मास्क में से कौन देता है ज़्यादा सुरक्षा?

Wednesday - September 23, 2020 1:37 pm , Category : WTN HINDI
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने फेस मास्क लगाना है कारगर
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने फेस मास्क लगाना है कारगर

क्या आप करेंगे यकीन कि कोरोना वायरस की वैक्सीन से ज़्यादा सुरक्षा देता है फेस मास्क!

SEP 23 (WTN) - वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के सामने आज पूरी दुनिया असहाय नज़र आ रही है। चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी (COVID-19) के कारण अभी तक पूरी दुनिया में क़रीब 9,75,472 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी दर्ज़ की गई है, लेकिन भारत समेत कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ते ही जा रहे हैं। 

ख़ैर, अभी तक कोरोना वायरस की कोई भी प्रामाणिक वैक्सीन नहीं बन पाने के कारण इस महामारी से लड़ने में हम सभी ख़ुद को लाचार महसूस कर रहे हैं। हालांकि, रूस की सरकार का दावा है कि उनके वैज्ञानिकों ने स्पूतनिक-5 नाम से कोरोना वायरस की सफल और सुरक्षित वैक्सीन बना ली है। लेकिन, चूंकि इस वैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण को पूरा किए बिना ही इस्तेमाल में लाया जाने लगा है, जिस कारण से अभी इस वैक्सीन के सुरक्षित होने के दावे पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। 

वैसे आशा है कि जल्द ही कोरोना वायरस की कोई प्रामाणिक वैक्सीन उपलब्ध होगी जिससे इस महामारी के प्रकोप से मुक्ति मिल सके। लेकिन इस सबके बीच, कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए शुरू से ही फेस मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, फेस मास्क की बनावट, क्वालिटी और पहनने के तरीके पर काफी विवाद और विचार होता रहा है। दरअसल, फेस मास्क के बारे में ख़ुद WHO ही काफी समय तक असमंजस की स्थिति में रहा। फेस मास्क पर WHO की असमंजस की स्थिति इतनी रही कि WHO ने यह तक कह दिया था कि कोरोना वायरस संक्रमण से N-95 फेस मास्क तक नहीं बचा सकता है।

इतना ही नहीं, कुछ लोगों ने तो फेस मास्क पहनने को गुलामी और मानवाधिकार तक से जोड़ लिया और फेस मास्क पहनने का विरोध तक करने लगे। आप को शायद याद हो तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी फेस मास्क लगाने के काफी विरोधी रहे हैं। अमेरिका में कोरोना वायरस के विकराल रूप धारण करने के बाद भी डोनाल्ड ट्रम्प ने काफी समय तक फेस मास्क नहीं लगाया। हालांकि, काफी दिनों बाद वे एक चुनावी सभा में फेस मास्क पहने नज़र आए।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क पहनना कोरोना वायरस की वैक्सीन से ज़्यादा सुरक्षित है। जी हां, यह दावा किया है अमेरिका की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने। CDC के डायरेक्टर रेडफील्ड ने अमेरिकी संसद की एक कमेटी के सामने यह दावा किया है कि फेस मास्क, कोरोना वायरस की वैक्सीन से ज़्यादा सुरक्षित है। इतना ही नहीं, डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड का स्पष्ट कहना है, "फेस मास्क, जनता के स्वास्थ्य के लिए सबसे शक्तिशाली साधन है। मैं हर अमेरिकी से अपील करूंगा कि वे फेस मास्क ज़रूर पहनें।"

CDC डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड का कहना है, "काफी वैज्ञानिक सबूत मौजूद हैं कि फेस मास्क, कोरोना वायरस संक्रमण को बेहतर तरीके से रोकता है और सबसे अधिक सुरक्षा देता है।" वहीं, डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने दावा किया है कि यदि अमेरिका के लोग कई सप्ताह तक फेस मास्क पहनते हैं, तो कोरोना वायरस संक्रमण महामारी को काफी हद तक काबू में लाया जा सकता है।

दरअसल, डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड का कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने के बाद भी यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छे तरीके से विकसित नहीं हुई, तो इस स्थिति में फेस मास्क से काफी सुरक्षा मिल सकती है। दरअसल, फेस मास्क को इतना ज़्यादा महत्वपूर्ण सिर्फ डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ही नहीं बता रहे हैं, बल्कि अमेरिका के कई एक्सपर्ट्स की भी राय डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड से मिलती है।

दरअसल, एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने के बाद भी यह गारंटी नहीं है कि हर किसी के शरीर में कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो ही। और यदि ऐसा होता है, तो कोरोना वायरस की वैक्सीन, कोरोना वायरस से बीमार होने वाले लोगों की संख्या तो ज़रूर घटाएगी, लेकिन यह वैक्सीन हर किसी को सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी। 

तो साफ है कि जब तक कोरोना वायरस की कोई भी प्रामाणिक वैक्सीन नहीं उपलब्ध नहीं हो जाती है, तब तक और उसके बाद भी आपकी अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही आपको कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बचा सकती है। ख़ैर, अब जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और अभी तक इसकी कोई भी वैक्सीन भारत में उपलब्ध नहीं है, तो समय की ज़रूरत है कि आप ख़ुद का पूरा ध्यान रखें। वहीं, घर से बाहर निकलते समय फेस मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इतना ही नहीं, डॉक्टर की सलाह से योग, प्रणायाम और आयुर्वेद के ज़रिए ख़ुद की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। साथ ही, विटामिन-डी की शरीर में आपूर्ति के लिए कम से कम 20 मिनिट तक सूर्य की रोशनी के प्रत्यक्ष सम्पर्क में रहें।